&

शारीरिक शिक्षा पाठ्यक्रम

0 Ratings

प्राचीन भारत की शिक्षा पद्धति में बालक के सर्वांगीण विकास पर पूरा बल दिया जाता था जिसमें निरोग काया और स्वस्थ शरीर को सभी धर्मो में पालन का आधारभूत माध्यम माना जाता था। विद्या भारती ने भी बच्चों में सर्वांगीण विकास हेतु शारीरिक शिक्षा को बहुत महत्व प्रदान किया है और इसे पाँच अनिवार्य विषयों

Out of stock

Add to BookShelf

  • Genre:
  • Originally Published:
  • Hardcover:

Overview

प्राचीन भारत की शिक्षा पद्धति में बालक के सर्वांगीण विकास पर पूरा बल दिया जाता था जिसमें निरोग काया और स्वस्थ शरीर को सभी धर्मो में पालन का आधारभूत माध्यम माना जाता था। विद्या भारती ने भी बच्चों में सर्वांगीण विकास हेतु शारीरिक शिक्षा को बहुत महत्व प्रदान किया है और इसे पाँच अनिवार्य विषयों में से एक माना है। हमारे मनीषी कहते हैं प्रथम सुख निरोगी काया है। इस शारीरिक शिक्षा को विधिवत रूप से चलाने के लिये पूर्व प्राथमिक से लेकर कक्षा दशम तक के लिये यह सुनियोजित पाठ्यक्रम तैयार किया गया है जो सभी विद्यालयों में अनिवार्य रूप से चलाया जा रहा है।

BOOK DETAILS
  • Hardcover:
  • Publisher:
  • Language: NA
  • ISBN-10: NA
  • Dimensions:
Customer Reviews

BOOKS BY &

SHARE THIS BOOK

Registration

Forgotten Password?