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Genre:Child Literature
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Originally Published:
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Hardcover:
Overview
भारतीय इतिहास में मध्ययुगीन काल में जब भारतीय समाज कुरीतियों, जातिगत विवादों, खोखले कर्मकांड में फंसकर दुर्बल हो चुका था और मुगल आक्रांता इसको पद दलित कर रहे थे उस समय एक महान विभूति इस धरा की पीड़ा हरण करके नवोत्साह भरने वाली गुरुनानक जी के रूप में प्रकट हुई| जिन्होंने बाबर को चुनौती देते हुए कहा “पाप दी जंज लै के आया, लालो’ इसके अत्याचार असहनीय हैं और भगवान से शिकायत की कि “इन मार पई … तै की दरद न आया” इतना लूट खसोट अत्याचार हो रहा है क्या तुम्हें दर्द नहीं आ रहा कि आतताइयों से समाज को बचाना, भारत की सोई आत्मा को जगा दिया, इस महान ज्योति पुंज ने| बड़े रोचक तथा प्रेरणाप्रद ढंग से बच्चों के लिए यह पुस्तक रची गई है| पाठकगण इसको पढ़कर एक आत्मिक बल प्राप्त करेंगे और समाज को पतन से बचा लेंगे।
BOOK DETAILS
- Hardcover:
- Publisher:
- Language: NA
- ISBN-10: NA
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