बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्या भारती ने जो पांच अनिवार्य विषय निर्धारित किये हैं उसमें योग शिक्षा का बहुत महत्व है। योग एक ऐसा विज्ञान है जो शरीर को सशक्त बनाता है। बुद्धि को प्रखरता प्रदान करता है और बालकों के चारित्रिक विकास में योगदान करता है। आज सारा तनावग्रस्त तथा मनोरोगों में फंसा पाश्चात्य जगत योग की मांग कर रहा है। योग का शिक्षण व्यवस्थित रूप से मिल सके, उसके लिए प्राथमिक से लेकर माध्यमिक कक्षाओं, प्रशिक्षण विद्यालयों और आचार्य शिक्षण वर्गों के लिये यह योग शिक्षा का पाठ्यक्रम निर्माण किया गया है।
योग शिक्षा पाठ्यक्रम
बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्या भारती ने जो पांच अनिवार्य विषय निर्धारित किये हैं उसमें योग शिक्षा का बहुत महत्व है। योग एक ऐसा विज्ञान है जो शरीर को सशक्त बनाता है। बुद्धि को प्रखरता प्रदान करता है और बालकों के चारित्रिक विकास में योगदान करता है। आज सारा तनावग्रस्त तथा मनोरोगों में फंसा पाश्चात्य जगत योग की मांग कर रहा है। योग का शिक्षण व्यवस्थित रूप से मिल सके, उसके लिए प्राथमिक से लेकर माध्यमिक कक्षाओं, प्रशिक्षण विद्यालयों और आचार्य शिक्षण वर्गों के लिये यह योग शिक्षा का पाठ्यक्रम निर्माण किया गया है।
Weight | 80.000 g |
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Dimensions | 23.9 × 18.2 × 0.4 cm |
Language | हिन्दी |
Blinding | |
Pages | 56+4 |
Author |
Compiled |
Publisher |
Vidya Bharti Sanskriti Shiksha Sansthan |
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