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Genre:Culture
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Overview
गीता का सन्देश मानव मात्र के कल्याण के लिए है। जो व्यक्ति जिस क्षेत्र में कार्यरत है, उसे उसके कर्तव्य का बोध कराने वाली गीता अनुपम है, इसलिए सभी वर्गों तथा सभी व्यवसाय के लोगों को पुकार-पुकार कर कहती है स्वधर्मे निधनं श्रेयः — जो भी दायित्व समाज ने आपको दिया है उसको अच्छी तरह निभाते हुए मर जाना ही श्रेष्ठ है। समस्त शिक्षण संस्थानों में तथा सभी संकायों में देखा जाए तो इसी मूलभूत तत्व को उजागर करने वाली है। मानव मात्र के लिए ‘‘सर्वदेवोभव’’ को भारतीय दृष्टि को पुष्ट किया गया है। सभी मत, पंथ, सम्प्रदाय गीता की शिक्षाओं से लाभान्वित होकर जीवन को श्रेष्ठ बना सकते हैं।
BOOK DETAILS
- Hardcover:
- Publisher:
- Language: NA
- ISBN-10: NA
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