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शिक्षा-संस्कृति चिन्तन-प्रथम खंड

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शिक्षा का संस्कृति के साथ अत्यंत गहन सम्बन्ध है। वास्तव में इन दोनों को अलग नहीं किया जा सकता। जो शिक्षा व्यक्ति को संस्कारित नहीं करती वह शिक्षा नहीं, केवल मशीन से निकलने वाली कुछ ध्वनियों के समान है। इस पुस्तक में ऐसे अनेक निबंधों का संग्रह है जो अध्यात्म जागरण की दृष्टि से अत्यंत

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Overview

शिक्षा का संस्कृति के साथ अत्यंत गहन सम्बन्ध है। वास्तव में इन दोनों को अलग नहीं किया जा सकता। जो शिक्षा व्यक्ति को संस्कारित नहीं करती वह शिक्षा नहीं, केवल मशीन से निकलने वाली कुछ ध्वनियों के समान है। इस पुस्तक में ऐसे अनेक निबंधों का संग्रह है जो अध्यात्म जागरण की दृष्टि से अत्यंत प्रेरणादायक हैं और जिनके अध्ययन से अपनी संस्कृति की महानता का बोध होता है। भारतीय संस्कृति को गहनता से समझने के लिए यह पुस्तक अत्यंत उपयोगी है। प्रथम खंड संस्कृति से संबंधित है।

BOOK DETAILS
  • Hardcover:
  • Publisher:
  • Language: NA
  • ISBN-10: NA
  • Dimensions:
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