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गीता अनुचिंतन

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यह गीता विश्व का सर्वप्रथम ग्रंथ है| इसका स्वाध्याय करने वाले साधकों को गीता का पाठ करने के साथ उसके श्लोकों का मनन और चिंतन बहुत लाभदायक होता है| यह पुस्तक इसी दृष्टि से लिखी गई है| जिसमें गीता के सभी अध्यायों से छोटे-छोटे बिंदु लेकर उनका संक्षिप्त भावार्थ लिखा गया है| यह चिंतन बिंदु

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Overview

यह गीता विश्व का सर्वप्रथम ग्रंथ है| इसका स्वाध्याय करने वाले साधकों को गीता का पाठ करने के साथ उसके श्लोकों का मनन और चिंतन बहुत लाभदायक होता है| यह पुस्तक इसी दृष्टि से लिखी गई है| जिसमें गीता के सभी अध्यायों से छोटे-छोटे बिंदु लेकर उनका संक्षिप्त भावार्थ लिखा गया है| यह चिंतन बिंदु सूत्र रूप में प्रस्तुत किए गए, जिससे साधारण से साधारण पाठक भी इनको आसानी से ग्रहण कर सकता है| ऐसे 108 महत्वपूर्ण सूत्रों का संकलन उनको व्याख्या सहित प्रकाशित करने सुधी लेखक ने गीता को सुबोध बना दिया है गीता के प्रेमी पाठकों के लिए यह पुस्तक बहुत उपयोगी सिद्ध होगी क्योंकि वह एक सूत्र से सारी गीता के मर्म को जान सकेंगे|

BOOK DETAILS
  • Hardcover:
  • Publisher:
  • Language: NA
  • ISBN-10: NA
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