माननीय श्री लज्जा राम तोमर का नाम उन शिक्षा मनीषियों में लिया जाता है जिन्होंने शिक्षा को शुद्ध भारतीय दृष्टि से देखा है और शिक्षा के प्रत्यक्ष पक्ष पर इसी भारतीय दृष्टि से विचार किया| शिक्षा के पुरोधा होने के नाते उनके विचार सारे शिक्षा क्षेत्र का मार्गदर्शन करने वाले हैं| उन्होंने नई पीढ़ी को भारत की परंपराओं के अनुरूप ढालने के लिए संस्कृति बोध परियोजना जैसे कई प्रकल्प दिए हैं| उन्होंने बहुत कुछ लिखा है और बहुत विषयों पर अपने मूल्यवान विचार व्यक्त किए हैं| जो शिक्षा जगत के लिए अमूल्य सिद्ध हो सकते हैं ऐसे सभी विचारों का संकलन इस मूल्यवान पुस्तक में किया गया| शिक्षा के सभी पक्षों शिशु शिक्षा, बाल शिक्षा आदि छात्रावास व्यवस्था, आचार्य प्रशिक्षण, पांच आधारभूत विषयों की शिक्षा आदि उनके गंभीर विचार इस ग्रंथ में समाहित हैं| शिक्षा को सच्चा राष्ट्रीय आधार प्रदान करने हेतु यह पुस्तक प्रत्येक शिक्षाविद के लिए मार्गदर्शिका सिद्ध होगी|
शैक्षिक चिंतन
माननीय श्री लज्जा राम तोमर का नाम उन शिक्षा मनीषियों में लिया जाता है जिन्होंने शिक्षा को शुद्ध भारतीय दृष्टि से देखा है और शिक्षा के प्रत्यक्ष पक्ष पर इसी भारतीय दृष्टि से विचार किया| शिक्षा के पुरोधा होने के नाते उनके विचार सारे शिक्षा क्षेत्र का मार्गदर्शन करने वाले हैं| उन्होंने नई पीढ़ी को भारत की परंपराओं के अनुरूप ढालने के लिए संस्कृति बोध परियोजना जैसे कई प्रकल्प दिए हैं| उन्होंने बहुत कुछ लिखा है और बहुत विषयों पर अपने मूल्यवान विचार व्यक्त किए हैं| जो शिक्षा जगत के लिए अमूल्य सिद्ध हो सकते हैं ऐसे सभी विचारों का संकलन इस मूल्यवान पुस्तक में किया गया| शिक्षा के सभी पक्षों शिशु शिक्षा, बाल शिक्षा आदि छात्रावास व्यवस्था, आचार्य प्रशिक्षण, पांच आधारभूत विषयों की शिक्षा आदि उनके गंभीर विचार इस ग्रंथ में समाहित हैं| शिक्षा को सच्चा राष्ट्रीय आधार प्रदान करने हेतु यह पुस्तक प्रत्येक शिक्षाविद के लिए मार्गदर्शिका सिद्ध होगी|
Weight | 288.000 g |
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Dimensions | 21.4 × 13.4 × 1.3 cm |
Language | हिन्दी |
ISBN | ISBN 978-93-85256-51-6 |
Blinding | |
Pages | 256+2 |
Author |
Shri Lajjaram Tomar |
Publisher |
Vidya Bharti Sanskriti Shiksha Sansthan |
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