शिक्षण कार्य में संलग्न परमार्थी संस्थाओं को भी अपने अर्थ प्रबन्धन एवं आय व्यय के सम्बन्ध में अनेक वैधानिक प्रावधानों का पालन अनिवार्य रूप से करना होता है शिक्षा के व्यावसायीकरण के कारण शिक्षण संस्थाओं की जाँच अधिक गहराई से होने लगी है । आयकर विभाग द्वारा भिन्न – भिन्न प्रकार के प्रश्न खड़े किए जा रहे हैं जो प्रायः जटिल तथा विवादास्पद हैं। यह संकलन शिक्षण संस्थाओं को आ रही कठिनाईयों का समाधान करने में सहायक है।
शिक्षण संस्थाएँ आयकर एवं न्यायालय
शिक्षण कार्य में संलग्न परमार्थी संस्थाओं को भी अपने अर्थ प्रबन्धन एवं आय व्यय के सम्बन्ध में अनेक वैधानिक प्रावधानों का पालन अनिवार्य रूप से करना होता है शिक्षा के व्यावसायीकरण के कारण शिक्षण संस्थाओं की जाँच अधिक गहराई से होने लगी है । आयकर विभाग द्वारा भिन्न – भिन्न प्रकार के प्रश्न खड़े किए जा रहे हैं जो प्रायः जटिल तथा विवादास्पद हैं। यह संकलन शिक्षण संस्थाओं को आ रही कठिनाईयों का समाधान करने में सहायक है।
Weight | 40.000 g |
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Dimensions | 21.3 × 13.9 × 0.2 cm |
Language | हिन्दी |
Blinding | |
Pages | 28+2 |
Author |
shri Jainpal Jain |
Publisher |
Vidya Bharti Sanskriti Shiksha Sansthan |
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