यह शोध आधारित कृति हिंदी के भारतेन्दु हरिशचंद्र तथा तेलुगु के कंदुकूरि वीरेशलिंगम के गद्य साहित्य रचनाओं के तुलनात्मक अध्ययन पर आधारित है जिस पर उन्हें आंध्र विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि भी प्राप्त हुई है । लेखक ने तत्कालीन राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक तथा साहित्यिक परिस्थितियों से सहसम्बन्ध स्थापित करते हुए राष्ट्रीय- सांस्कृतिक धारा का स्वरूप विवेचन भारतीय संस्कृति के विशिष्ट परिप्रेक्ष्य में किया है तथा उसकी अभिव्यक्ति भारतेन्दु तथा वीरेशलिंगम् कालीन साहित्य की विविध विधाओं साहित्य आदि में किस प्रकार हुई है, उसका विशद वर्णन किया है ।
भारतीय साहित्य में राष्ट्रीय सांस्कृतिक भावना
यह शोध आधारित कृति हिंदी के भारतेन्दु हरिशचंद्र तथा तेलुगु के कंदुकूरि वीरेशलिंगम के गद्य साहित्य रचनाओं के तुलनात्मक अध्ययन पर आधारित है जिस पर उन्हें आंध्र विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि भी प्राप्त हुई है । लेखक ने तत्कालीन राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक तथा साहित्यिक परिस्थितियों से सहसम्बन्ध स्थापित करते हुए राष्ट्रीय- सांस्कृतिक धारा का स्वरूप विवेचन भारतीय संस्कृति के विशिष्ट परिप्रेक्ष्य में किया है तथा उसकी अभिव्यक्ति भारतेन्दु तथा वीरेशलिंगम् कालीन साहित्य की विविध विधाओं साहित्य आदि में किस प्रकार हुई है, उसका विशद वर्णन किया है ।
Weight | 170.000 g |
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Dimensions | 21.3 × 13.9 × 1 cm |
Language | हिन्दी |
ISBN | ISBN 978-93-85256-55-4 |
Blinding | |
Pages | 152+2 |
Author |
Dr. Oruganti Sitaram Murthi |
Publisher |
Vidya Bharti Sanskriti Shiksha Sansthan |
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