राष्ट्र को वर्तमान नैतिक पतन की अवस्था से निकालने का एक ही मार्ग है कि शिक्षा को जीवनादर्शों से युक्त किया जाये। इस पुस्तक में भारत के अनेक प्रमुख शिक्षाविदों के नैतिक शिक्षा सम्बन्धी बहुमूल्य विचार दिए हैं, तथा नैतिक शिक्षा के स्वरूप तथा शिक्षण विधियों की विशद चर्चा की गई है। इस पुस्तक का सम्पादन मा॰ श्री लज्जाराम तोमर जी ने किया है।
नैतिक शिक्षा
राष्ट्र को वर्तमान नैतिक पतन की अवस्था से निकालने का एक ही मार्ग है कि शिक्षा को जीवनादर्शों से युक्त किया जाये। इस पुस्तक में भारत के अनेक प्रमुख शिक्षाविदों के नैतिक शिक्षा सम्बन्धी बहुमूल्य विचार दिए हैं, तथा नैतिक शिक्षा के स्वरूप तथा शिक्षण विधियों की विशद चर्चा की गई है। इस पुस्तक का सम्पादन मा॰ श्री लज्जाराम तोमर जी ने किया है।
Weight | 250.000 g |
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Dimensions | 21.5 × 13.8 × 1 cm |
Language | हिन्दी |
Blinding | |
Pages | 200+2 |
Author |
Shri Lajjaram Tomar |
Publisher |
Vidya Bharti Sanskriti Shiksha Sansthan |
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