क्या कहते है संघ पर न्यायालय
१. इंदौर स्थित ‘मध्य भारत उच्च न्यायालय (1955) :’कृष्ण लाल बनाम मध्यभारत राज्य- किसी भी अस्थायी सरकारी कर्मचारी को यह कह कर सेवा से हटाया नहीं जा सकता की वह राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ का सदस्य है |
२. पटना उच्च न्यायालय (1961) मा. स. गोलवलकर बनाम बिहार राज्य- राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ के समारोह पर दिया गया भाषण भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153 क के अधीन अपराध नही है |
३. बंबई उच्च न्यायालय नागपुर न्यायपीठ (1962)चिंतामणि नूरगावकर बनाम पोस्ट मास्टर जनरल के.म. नागपुर किसी सरकारी कर्मचारी का रा स्व. संघ की गतिविधियों में भाग लेना विध्वंसक कार्य नहीं है तथा उसे इस आधार पर सरकारी सेवा से हटाया नहीं जा सकता |