सारे विश्व को गणित का बोध भारत ने कराया है। यह पुस्तक यजुर्वेद में गणित पर आधारित है। यजुर्वेद के 18वें अध्याय की ऋचाओं में छुपे गणित ज्ञान के खजाने को श्री आगाशे जी ने खोज कर गणितज्ञों को आश्चर्यचकित कर दिया। मूल ग्रंथ मराठी में था जिसका हिन्दी अनुवाद श्री शांतनु रघुनाथ शेंडे जी ने किया है। गणित प्रेमी विद्वत जन-शिक्षक वर्ग छात्र-छात्रएं इस पुस्तक में दी हुई विधियों को समझकर अत्यन्त लाभान्वित होंगे और इस प्रवाह को आगे बढ़ाकर विश्व को भारतीय गणित की महिमा का बोध कराएंगे।
एकाच मे
सारे विश्व को गणित का बोध भारत ने कराया है। यह पुस्तक यजुर्वेद में गणित पर आधारित है। यजुर्वेद के 18वें अध्याय की ऋचाओं में छुपे गणित ज्ञान के खजाने को श्री आगाशे जी ने खोज कर गणितज्ञों को आश्चर्यचकित कर दिया। मूल ग्रंथ मराठी में था जिसका हिन्दी अनुवाद श्री शांतनु रघुनाथ शेंडे जी ने किया है। गणित प्रेमी विद्वत जन-शिक्षक वर्ग छात्र-छात्रएं इस पुस्तक में दी हुई विधियों को समझकर अत्यन्त लाभान्वित होंगे और इस प्रवाह को आगे बढ़ाकर विश्व को भारतीय गणित की महिमा का बोध कराएंगे।
Weight | 46.000 g |
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Dimensions | 21.4 × 14 × 0.2 cm |
Language | हिन्दी |
ISBN | ISBN 978-93-85256-28-8 |
Blinding | |
Pages | 40+2 |
Author |
Shri Suryakant Vishnu Aagashe |
Publisher |
Vidya Bharti Sanskriti Shiksha Sansthan |
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