-
Genre:Education
-
Originally Published:
-
Hardcover:
Overview
वर्तमान शिक्षा न तो भारतीय समाज की प्रकृति के अनुकूल है और न ही यह सच्ची शिक्षा है। ये तो अंग्रेजों द्वारा चलायी गयी अपने राज व्यवस्था को दृढ़ करने वाली योजना है। दुर्भाग्य से देश में एक भी शिक्षाविद् स्वाधीनता के बाद ऐसा नहीं पैदा हुआ जो इसमें परिवर्तन ला सके। यह देखकर कि शिक्षा दिशाहीन और उद्देश्य विहीन है विद्या भारती ने इस चुनौती को स्वीकार किया और शिक्षा में एक नया राष्ट्रीय विकल्प शुरू करने के लिए एक संकल्प लिया। जिसको सफल बनाने के लिये राष्ट्रीय विचारकों ने विद्या भारती नाम का विश्व का सबसे बड़ा शैक्षाणिक संगठन खड़ा कर दिया है। इसने एक महान लक्ष्य अपने सामने रखा है कि भारत को फिर से विश्व गुरु बनायेंगे और भटकती हुई युवा पीढ़ी को सुसंस्कारित बनाकर देश में सारे अभाव ग्रस्त बंधुओं को सारी दृरावस्था से मुक्त करायेंगे। इस पुस्तक में विद्या भारती लक्ष्य की भावोत्तेजक और प्रेरणा पद व्याख्या प्रस्तुत की गई है।
BOOK DETAILS
- Hardcover:
- Publisher:
- Language: NA
- ISBN-10: NA
- Dimensions:
PREVIEW
Gallery Empty !